38+ Jaun Elia Shayari | जौन एलिया शायरी

Jaun Elia Shayari (जौन एलिया) उर्दू के सबसे प्रतिष्ठित और गहराई भरे शायरों में से एक हैं। उनकी शायरी में जीवन, प्रेम, दर्द, अलगाव, समाज, और अस्तित्व के जटिल पहलुओं को बेहद खूबसूरती और गहराई से उकेरा गया है। जौन का अंदाज़, उनकी भाषा और उनकी सोच ने उर्दू शायरी को एक अलग ही स्तर पर पहुंचाया।

जौन एलिया का जन्म 14 दिसंबर 1931 को अमरोहा (भारत) में हुआ था। विभाजन के बाद वह पाकिस्तान चले गए और कराची में बस गए। उनका व्यक्तित्व एक विद्रोही, तर्कशील, और विचारशील शायर का था। उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी संवेदनशीलता और अनोखी दृष्टि से लिखा। उनकी शायरी का हर शेर उनके दिल की गहराई को छूता है।

Jaun Elia Shayari

Jaun Elia Shayari
शायद मुझे किसी से मोहब्बत नहीं हुई,
लेकिन यक़ीन सब को दिलाता रहा हूं मैं।
जो गुजारी न जा सकी हमसे,
हमने वो जिंदगी गुजारी है।
मैं भी बहुत अजीब हूं, इतना अजीब हूं कि बस,
खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं।
अब ना मैं हूं, ना बाकी हैं जमाने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फसाने मेरे।
Jaun Elia Shayari
दिल की तबीयत ठीक नहीं,
दिल का ही इलाज किया जाए।
नए रिश्ते भी नहीं खोलते ज़ख्म पुराने,
वक्त का मरहम भी बेअसर है शायद।
हर किसी का ग़म अलग है, हर किसी का दर्द अलग,
पर मेरी खामोशी ही सबकी कहानी बन गई।

Jaun Elia Shayari Hindi

Jaun Elia Shayari
तुझसे बिछड़ कर कब चैन मिला,
बस जीने की आदत सी पड़ गई।
जो इश्क़ करते हैं, उन्हें समझाया नहीं जाता,
जो समझते हैं, वो इश्क़ करते नहीं।
तू भी क्या खूब है,
दूरियों के बावजूद सबसे करीब है।
Jaun Elia Shayari
कभी-कभी अकेलापन भी सुकून देता है,
जब साथ वाले बस नाम के साथ हों।
अब मेरा हाल पूछने का हक खो दिया है,
तुम्हें मालूम था कि मैं टूट जाऊंगा।
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको,
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया।

Jaun Elia Best Shayari

Jaun Elia Shayari
मैं जो तुझसे दूर हूं, इसकी वजह और कुछ नहीं,
मैं तुझे खुद से भी ज्यादा चाहता हूं।
तुमसे बिछड़ के कुछ यूं वक्त काटा,
जैसे कोई कर्ज चुकाना था।
मैं भी बहुत अजीब हूं, इतना अजीब हूं कि बस,
खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं।
Jaun Elia Shayari
जिस दिन से चला हूं मेरी मंज़िल पे नज़र है,
आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।
हम बिछड़े तो मालूम हुआ,
रिश्ता था कितना गहरा।
तुम तो कहते थे कि हर दर्द समझते हो,
फिर मेरे दर्द का अहसास तुम्हें क्यों नहीं?

Jaun Elia Love Shayari

Jaun Elia Shayari
दिल का हाल बताना मुश्किल है,
तुम्हारे बिना रह पाना मुश्किल है।
किसी ने पूछा कैसे हो,
हमने हंसकर कहा अब जैसे हो।
तुमसे बढ़कर मुझे कुछ भी नहीं चाहिए,
मगर तुम ही कभी मेरे नहीं हुए।
Jaun Elia Shayari
तुझसे बढ़कर इस जहान में कुछ भी नहीं,
मगर तुझे समझाना भी आसान नहीं।
अब मोहब्बत का लफ्ज़ भी सहमा-सहमा लगता है,
दिल को चुभी है कोई बात पुरानी।
मौत से पहले आदमी गम से निजात पाए क्यों?
दिल को अपने हाल पर रोना भी आ जाए क्यों?
Jaun Elia Shayari
तुम्हारी अदा पर क्या कहें,
हर लफ्ज़ अधूरा सा लगता है।
वो जो कभी हमारे लिए तड़पा करते थे,
आज उनकी यादें ही दिल तड़पाती हैं।
मेरे ग़म का मजाक उड़ाने वाले,
तेरे दर्द को महसूस करने की दुआ की है।

Jaun Elia Sad Shayari

Jaun Elia Shayari
राहें अलग थीं, मगर मुकाम एक,
कहानी अधूरी रह गई।
तेरे सिवा कोई और दिल में समा न सका,
तू गया, तो ये दिल भी वीरान हो गया।
खामोशियां अब गहराई से बोलती हैं,
जैसे जख्म भी दर्द का बयान करते हैं।
Jaun Elia Shayari
जो दिल में बसा था, उसे दूर कर दिया,
खुद को तकलीफ देकर, उसे खुश कर दिया।
तू जो मेरे करीब है,
इस जिंदगी का यही नसीब है।
सच कहूं तो अब जिंदगी से मोहब्बत नहीं,
तेरे बिना किसी चीज की जरूरत नहीं।
तुम्हारे बिना ये जिंदगी अधूरी लगती है,
जैसे बहार के बिना कोई फिजा सूनी लगती है।

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